India Remittance Record 2025: भारत ने बनाया नया इतिहास, जानें कितनी आई विदेश से कमाई
India Remittance Record 2025 ने देश की आर्थिक स्थिति को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत को अब तक का सबसे ज्यादा रेमिटेंस प्राप्त हुआ है। विदेशी भारतीयों द्वारा भेजे गए इस धन ने न केवल लाखों परिवारों की मदद की है, बल्कि देश की विदेशी मुद्रा भंडार को भी मजबूती दी है।
India Remittance Record 2025 से जुड़ी सबसे बड़ी खबर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, India Remittance Record 2025 में देश को कुल 135.46 अरब डॉलर का रेमिटेंस प्राप्त हुआ है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 14% अधिक है। यह अब तक का सबसे बड़ा रेमिटेंस रिकॉर्ड है और भारत को इस साल दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस प्राप्त करने वाला देश बना दिया है।
क्या होता है रेमिटेंस और क्यों है ये जरूरी?
रेमिटेंस वह धन होता है जो विदेशों में रह रहे भारतीय अपने परिवारों को भारत भेजते हैं। यह आमतौर पर कामकाजी भारतीयों द्वारा भेजा जाता है जो खाड़ी देशों, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कार्यरत होते हैं। India Remittance Record 2025 इस बात का प्रमाण है कि प्रवासी भारतीय देश की अर्थव्यवस्था में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में भी हुआ रिकॉर्ड इनफ्लो
साल 2025 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच भारत को 33.9 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला। पिछले साल इसी तिमाही में यह आंकड़ा 31.3 अरब डॉलर था। इसका सीधा मतलब है कि India Remittance Record 2025 के तहत हर तिमाही में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं।
2024 में भी भारत ने बनाया था रिकॉर्ड
साल 2024 में भी भारत ने 129.4 अरब डॉलर का रेमिटेंस हासिल किया था। खासतौर पर अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में 36 अरब डॉलर का इनफ्लो हुआ था, जो किसी भी तिमाही में सबसे ज्यादा था।
भारत ने छोड़े सभी देश पीछे
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट बताती है कि भारत ने मेक्सिको, चीन, पाकिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है। भारत को जहां 2025 में 135 अरब डॉलर से अधिक रेमिटेंस मिला, वहीं मेक्सिको को सिर्फ 68 अरब डॉलर, चीन को 48 अरब डॉलर और पाकिस्तान को केवल 33 अरब डॉलर मिले।
India Remittance Record 2025 में ग्रोथ भी सराहनीय
वर्ल्ड बैंक के अनुसार, India Remittance Record 2025 में रेमिटेंस की ग्रोथ रेट 5.8% रही, जबकि पिछले साल यह दर केवल 1.2% थी। यह संकेत है कि विदेशों में बसे भारतीय अब पहले से अधिक धन अपने परिवारों और देश को भेज रहे हैं।
विदेशों में काम कर रहे भारतीयों की बढ़ती संख्या
वर्तमान में दुनिया भर में करीब 1.85 करोड़ भारतीय प्रवासी हैं। इनमें से सबसे अधिक भारतीय खाड़ी देशों जैसे कि UAE, कतर, और सऊदी अरब में कार्यरत हैं। India Remittance Record 2025 दर्शाता है कि विदेश में भारतीयों की संख्या और कमाई दोनों में इजाफा हुआ है।
अमेरिका और OECD देशों से आया बड़ा योगदान
कोविड के बाद अमेरिका और अन्य विकसित देशों में नौकरियों की बहाली ने रेमिटेंस को और बढ़ाया है। अमेरिका में कार्यरत भारतीयों की संख्या फरवरी 2020 की तुलना में अब 11% ज्यादा हो चुकी है। यही वजह है कि अमेरिका से आने वाला रेमिटेंस भी रिकॉर्ड स्तर पर है।
India Remittance Record 2025 को मिली टैक्स राहत
India Remittance Record 2025 को बढ़ाने में एक और बड़ी वजह रही है अमेरिका में रेमिटेंस टैक्स में कटौती। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित One Big Beautiful Bill Act के तहत रेमिटेंस पर टैक्स 5% से घटाकर सिर्फ 1% कर दिया गया है। इससे भारत पैसा भेजना अब और भी सस्ता और सरल हो गया है।
रेमिटेंस क्यों है भारत की आर्थिक ताकत?
रेमिटेंस से भारत को विदेशी मुद्रा मिलती है जो देश के करंट अकाउंट डेफिसिट को संतुलित करती है। यह पैसा ग्रामीण और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए जीवनरेखा साबित होता है। India Remittance Record 2025 इस बात का संकेत है कि प्रवासी भारतीय न सिर्फ अपने परिवारों को, बल्कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं।
निष्कर्ष
India Remittance Record 2025 ने भारत को न केवल वैश्विक मंच पर शीर्ष स्थान दिलाया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि भारतीय प्रवासी न सिर्फ विदेशों में कामयाब हैं, बल्कि अपने देश से जुड़ाव और योगदान में भी अव्वल हैं। आने वाले समय में रेमिटेंस में और भी वृद्धि की संभावना है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को और ताकत मिलेगी।
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