India-Pakistan Ceasefire:
🇮🇳🤝🇵🇰 India-Pakistan Ceasefire: जयशंकर ने ट्रम्प के दावे को खारिज किया, बताया सीजफायर का असली कारण
India-Pakistan Ceasefire को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान सामने आया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका में स्पष्ट कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का व्यापार से कोई संबंध नहीं था। यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बार-बार दावा कर रहे हैं कि India-Pakistan Ceasefire उनके दबाव और व्यापारिक धमकी के चलते हुआ।
📢 India-Pakistan Ceasefire: जयशंकर बोले- मैं खुद बातचीत के दौरान मौजूद था
जयशंकर ने न्यूजवीक मैगजीन के CEO देव प्रसाद को दिए इंटरव्यू में बताया कि 9 मई की रात को जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की, तब वे उसी कमरे में मौजूद थे। वेंस ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है। जवाब में मोदी ने स्पष्ट किया था कि भारत हर हमले का जवाब देगा।
इस बातचीत के अगले दिन यानी 10 मई को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत से संपर्क किया और बताया कि पाकिस्तान अब बातचीत को तैयार है। इसके बाद पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क कर India-Pakistan Ceasefire के लिए अपील की।
🗣️ ट्रम्प का दावा गलत: जयशंकर ने कहा सीजफायर में ट्रेड का कोई रोल नहीं
ट्रम्प ने अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों को व्यापार बंद करने की धमकी दी थी, तभी सीजफायर हुआ। लेकिन जयशंकर ने इसे सिरे से नकारते हुए कहा, “डिप्लोमैसी और ट्रेड के बीच कोई संबंध नहीं है। व्यापारी अपनी जिम्मेदारियों के अनुसार काम करते हैं और कूटनीति का कार्य सरकार के पास होता है।”
इस तरह जयशंकर ने स्पष्ट किया कि India-Pakistan Ceasefire सिर्फ सैन्य स्तर की बातचीत से संभव हुआ, न कि अमेरिका के किसी व्यापारिक हस्तक्षेप से।
💣 पहाड़ों में आग: पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक सोचा-समझा “आर्थिक युद्ध” था, जिसका मकसद कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को खत्म करना था। यह हमला घाटी की अर्थव्यवस्था पर सीधा वार था।
इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया और पाकिस्तान व PoK में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन में सिर्फ 25 मिनट में 9 आतंकी अड्डे तबाह कर दिए गए। इसके बाद दोनों देशों में चार दिन तक ड्रोन और मिसाइल हमले हुए, और अंत में 10 मई को India-Pakistan Ceasefire पर सहमति बनी।
☢️ India-Pakistan Ceasefire और परमाणु हथियारों की धमकी
जयशंकर ने इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि भारत अब परमाणु हथियारों की धमकी से डरने वाला देश नहीं है। उन्होंने कहा, “अब वो समय चला गया जब हमें डराया जाता था कि दोनों देश परमाणु ताकतें हैं, इसलिए भारत को संयम बरतना चाहिए। यदि हमला हुआ तो जवाब भी दिया जाएगा।”
इस बयान से स्पष्ट है कि भारत की विदेश नीति में आत्मविश्वास और दृढ़ता बढ़ी है, और India-Pakistan Ceasefire भारत की कूटनीतिक और सैन्य मजबूती का परिणाम है, न कि किसी बाहरी दबाव का।
🧾 ट्रम्प का दोहराया दावा: फिर लिया India-Pakistan Ceasefire का क्रेडिट
ईरान और गाजा संघर्ष में मध्यस्थता का दावा करने के बाद ट्रम्प ने एक बार फिर कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका। उनका कहना है कि उन्होंने दोनों देशों को धमकी दी थी कि अगर वे युद्ध नहीं रोकते तो अमेरिका व्यापारिक संबंध खत्म कर देगा।
हालांकि, भारत ने बार-बार कहा है कि India-Pakistan Ceasefire भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के आपसी समन्वय से हुआ है। ट्रम्प का बयान भले ही चर्चा में आता रहा हो, लेकिन भारत ने कभी उनकी भूमिका को औपचारिक रूप से नहीं स्वीकारा।
✈️ ऑपरेशन सिंदूर पर भी उठा विवाद
इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास में डिफेंस अटैची कैप्टन शिव कुमार के एक बयान ने हलचल मचा दी। उन्होंने कहा था कि “ऑपरेशन सिंदूर” के शुरुआती चरण में भारतीय वायुसेना को पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने की अनुमति नहीं थी। बाद में रक्षा मंत्रालय और दूतावास ने बयान को “तोड़ा-मरोड़ा गया” करार दिया।
इस विवाद ने एक बार फिर दिखाया कि India-Pakistan Ceasefire के पीछे कई परतें हैं—सैन्य रणनीति, कूटनीति, मीडिया की भूमिका और राजनीतिक दावे।
📈 India-Pakistan Ceasefire: आगे की रणनीति
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत की रणनीति अब आतंकियों और उन्हें समर्थन देने वाली सरकारों को अलग नहीं देखती। भारत सीधे कार्रवाई करेगा। चाहे बात कश्मीर की हो, या अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को जवाब देने की—भारत अब हर मोर्चे पर सक्रिय है।
India-Pakistan Ceasefire सिर्फ एक युद्ध विराम नहीं, बल्कि यह भारत की बदलती विदेश नीति और सशक्त सैन्य-सामरिक सोच का प्रतीक बन चुका है।
🔚 निष्कर्ष: India-Pakistan Ceasefire पर जयशंकर की सख्ती, ट्रम्प की कहानी अधूरी
जहां एक ओर ट्रम्प ने India-Pakistan Ceasefire का श्रेय लेने की कोशिश की, वहीं जयशंकर ने तथ्यों के साथ पूरी कहानी रखी। यह साफ है कि भारत अब न तो किसी धमकी से डरता है, न किसी छवि की मोहताज है। भारत की प्राथमिकता अब स्पष्ट है—आतंक के खिलाफ कड़ा रुख, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई, और किसी भी तरह की विदेशी ‘क्रेडिट पॉलिटिक्स’ से दूर रहना।
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