Gold Loan Growth:
Gold Loan Growth: मई 2025 में गोल्ड लोन में 115% की जबरदस्त बढ़ोतरी, जानिए वजह
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 30 मई 2025 को समाप्त पखवाड़े के लिए बैंक क्रेडिट आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जहां अधिकांश सेगमेंट में कर्ज की वृद्धि दर घटी है, वहीं Gold Loan Growth ने सभी को पीछे छोड़ते हुए 115% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। इस लेख में हम समझेंगे कि आखिर क्यों गोल्ड लोन की मांग इतनी तेज़ी से बढ़ी है।
Gold Loan Growth: बैंकों के क्रेडिट आंकड़ों में गोल्ड लोन सबसे आगे
RBI के अनुसार, 30 मई 2025 को समाप्त पखवाड़े में कुल नॉन-फूड बैंक क्रेडिट में केवल 9.8% की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह वृद्धि दर 16.2% थी। कुल कर्ज 167.43 लाख करोड़ से बढ़कर 182.17 लाख करोड़ रुपये हुआ। लेकिन इसी दौरान Gold Loan Growth ने 115.3% की जबरदस्त छलांग लगाई। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि लोगों में गोल्ड के बदले लोन लेने की प्रवृत्ति तेज़ी से बढ़ रही है।
Gold Loan Growth: कैटेगरी बदलाव का भी है प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, Gold Loan Growth में यह उछाल आंशिक रूप से उस कैटेगराइजेशन बदलाव के कारण भी है जो मई 2024 से लागू हुआ। पहले किसान गोल्ड ज्वैलरी के बदले जो लोन लेते थे, उन्हें अलग कैटेगरी में गिना जाता था। लेकिन अब उन्हें ‘गोल्ड ज्वैलरी के बदले लोन’ की श्रेणी में रखा गया है, जिससे यह आंकड़ा अचानक काफी बढ़ा हुआ दिखता है। हालांकि, कैटेगरी बदलाव के बावजूद यह वृद्धि दर्शाती है कि गोल्ड लोन की मांग वास्तविक रूप से भी बढ़ रही है।
Gold Loan Growth: कृषि और इंडस्ट्री सेक्टर में गिरावट
जहां Gold Loan Growth तेज़ रही, वहीं अन्य क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई। कृषि कर्ज में वृद्धि दर 21.6% से घटकर 7.5% रह गई। इंडस्ट्री को दिए गए लोन में भी गिरावट आई है, जिसमें सिर्फ 4.9% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष 8.9% थी। बड़ी कंपनियों को कर्ज में तो सिर्फ 1% की वृद्धि हुई। यह सब मिलाकर दर्शाता है कि जब परंपरागत सेक्टरों में क्रेडिट ग्रोथ धीमी हो रही है, तब गोल्ड लोन एक वैकल्पिक स्रोत बन रहा है।
Gold Loan Growth: सर्विस सेक्टर और पर्सनल लोन भी प्रभावित
सर्विस सेक्टर को मिलने वाला कर्ज भी आधा रह गया है। इस सेक्टर को सिर्फ 9.4% ग्रोथ मिली, जो पिछले साल 20.7% थी। नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) को मिलने वाले लोन में तो 0.3% की गिरावट देखी गई। इसी तरह, पर्सनल लोन सेगमेंट में वृद्धि दर 19.3% से घटकर 13.7% रह गई है। व्हीकल लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की ग्रोथ भी नेगेटिव रही।
Gold Loan Growth: हाउसिंग सेक्टर की स्थिति
हाउसिंग लोन, जो पहले हमेशा तेजी से बढ़ते थे, उनकी वृद्धि दर भी घटकर 9% रह गई है, जबकि पिछले साल यह 38.7% थी। प्रायरिटी सेक्टर वाले होम लोन में तो 1.6% की नेगेटिव ग्रोथ रही है। इस डेटा से साफ है कि अब लोग गोल्ड को एक सुरक्षित और आसान कैश के रूप में देख रहे हैं।
Gold Loan Growth: क्यों बढ़ रही है मांग?
- आर्थिक अनिश्चितता: महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के चलते लोग अपने स्वर्ण आभूषणों को कैश में बदलने को मजबूर हो रहे हैं।
- आसान प्रक्रिया: गोल्ड लोन प्राप्त करना अन्य लोन के मुकाबले तेज़ और आसान होता है।
- कम ब्याज दरें: बैंकों द्वारा दी जाने वाली तुलनात्मक रूप से कम ब्याज दरें भी Gold Loan Growth को बढ़ावा दे रही हैं।
- कम दस्तावेजी प्रक्रिया: गोल्ड लोन लेने के लिए आय प्रमाण या CIBIL स्कोर जैसे दस्तावेज़ों की ज़रूरत नहीं होती।
Gold Loan Growth: अन्य ऋणों की तुलना में बढ़त
लोन प्रकार | 2024 ग्रोथ | 2025 ग्रोथ |
---|---|---|
गोल्ड लोन | 29.7% | 115.3% |
कृषि ऋण | 21.6% | 7.5% |
इंडस्ट्री लोन | 8.9% | 4.9% |
पर्सनल लोन | 19.3% | 13.7% |
हाउसिंग लोन | 38.7% | 9% |
इस तालिका से स्पष्ट है कि Gold Loan Growth ने अन्य सभी लोन सेगमेंट को पीछे छोड़ दिया है।
निष्कर्ष
Gold Loan Growth का यह उछाल भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रेडिट पैटर्न के बदलते रुझान को दर्शाता है। जहां एक ओर पारंपरिक ऋण श्रेणियां दबाव में हैं, वहीं गोल्ड लोन अपनी सरलता और पहुंच के कारण आम जनता का पसंदीदा विकल्प बनता जा रहा है। यदि यह प्रवृत्ति आगे भी जारी रहती है, तो बैंकिंग सिस्टम में गोल्ड लोन का महत्व और अधिक बढ़ सकता है।
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