मराठी विवाद के बीच निरहुआ का बेबाक बयान
Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy: कहा- मैं मराठी नहीं बोलता, किसी में दम हो तो महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ, इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी है।
प्रमोशन इवेंट में सामने आया निरहुआ का ओपन चैलेंज
अपनी अपकमिंग फिल्म ‘हमार नाम बा कन्हैया’ के प्रमोशन के दौरान निरहुआ ने कहा कि वह मराठी नहीं बोलते और उन्हें महाराष्ट्र से निकालने की चुनौती देने वालों को खुला जवाब देते हैं। उन्होंने कहा:
“अगर किसी में दम है तो मुझे महाराष्ट्र से निकालकर दिखाए। मैं मराठी नहीं बोलता और ना ही मजबूरी में किसी भाषा को सीखने में विश्वास रखता हूं।”
Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy: गंदी राजनीति के खिलाफ चेतावनी
निरहुआ ने मराठी विवाद को लेकर राजनीति करने वालों को गंदी राजनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि:
“यह देश विविध भाषाओं और संस्कृतियों का है। यहां हर भाषा की अपनी खूबसूरती है। लेकिन जबरदस्ती किसी से भाषा थोपना गलत है। यह राजनीति जोड़ने की होनी चाहिए, तोड़ने की नहीं।”
Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy: कहा- मैं मराठी नहीं बोलता, किसी में दम हो तो महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ यह बयान न केवल एक प्रतिक्रिया है बल्कि भाषाई आज़ादी की पैरवी भी करता है।
भाषाओं की विविधता है भारत की पहचान
निरहुआ ने आगे कहा कि भारत की पहचान ही उसकी भाषाई विविधता है। “मराठी एक सुंदर भाषा है, जैसे भोजपुरी, गुजराती, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ हैं। हर भाषा की अपनी संस्कृति और मिठास होती है। अगर कोई इच्छा से भाषा सीखता है तो अच्छी बात है, लेकिन उसे जबरन थोपना सही नहीं है।”
Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy: मराठी को अनिवार्य करना कितना उचित?
जब निरहुआ से पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र में मराठी भाषा अनिवार्य होनी चाहिए, तो उन्होंने साफ कहा:
“किसी भाषा को मजबूरी नहीं, पसंद बनाना चाहिए। भाषा सीखना एक गुण है, लेकिन उसे थोपना एक राजनीतिक हथकंडा है।”
Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy: कहा- मैं मराठी नहीं बोलता, किसी में दम हो तो महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ ये बयान हर उस व्यक्ति की भावना को दर्शाता है जो भाषाई आज़ादी में विश्वास करता है।
महाराष्ट्र में भाषा विवाद की पृष्ठभूमि
हाल ही में महाराष्ट्र में कई घटनाएं सामने आई हैं जिनमें मराठी न बोलने वालों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है। दुकानों की हिंदी होर्डिंग्स तोड़ी गईं, लोगों से मारपीट की गई और जबरन मराठी बोलने को कहा गया। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं के ऐसे कई वीडियो भी सामने आए हैं।
Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy: एक सामाजिक संदेश
निरहुआ का यह बयान सिर्फ एक विरोध नहीं बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर किसी को अपनी भाषा, संस्कृति और विचार रखने की आज़ादी है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि—
“भाषा एकता का माध्यम होनी चाहिए, न कि भेदभाव का। जो लोग इसे तोड़ने का ज़रिया बना रहे हैं, उन्हें रोकना जरूरी है।”
निष्कर्ष
Bhojpuri star Nirahua’s open challenge on Marathi controversy: कहा- मैं मराठी नहीं बोलता, किसी में दम हो तो महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ एक ऐसा बयान है जिसने राजनीतिक हलकों से लेकर आम जनता के बीच बहस को जन्म दे दिया है। यह विषय सिर्फ एक अभिनेता की राय नहीं, बल्कि भाषा और अभिव्यक्ति की आज़ादी की बात करता है।
भारत विविधताओं का देश है, और यही इसकी ताकत है। भाषाई विवेक को लेकर निरहुआ का ये स्टैंड आने वाले समय में और लोगों को सोचने पर मजबूर करेगा कि क्या वाकई भाषा किसी की पहचान पर हावी होनी चाहिए?
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