🏛️ Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को पत्र
Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon, इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्रीय आवास मंत्रालय को पत्र लिखा है। इस पत्र में आग्रह किया गया है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ जल्द से जल्द 5, कृष्ण मेनन मार्ग स्थित सरकारी बंगला खाली करें ताकि इसे कोर्ट के हाउसिंग पूल में शामिल किया जा सके।
🏠 सरकारी बंगले में तय समय से अधिक रहे Former CJI Chandrachud
Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon क्योंकि वे टाइप VIII श्रेणी के बंगले में अपने सेवा समाप्त होने के 8 महीने बाद भी रह रहे हैं। नियमानुसार, रिटायरमेंट के बाद जज को अधिकतम 6 महीने तक टाइप VII बंगले में किराया मुक्त रहने की अनुमति होती है, जबकि चंद्रचूड़ अब भी टाइप VIII बंगले में रह रहे हैं।
📄 सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने क्यों लिखा पत्र?
सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 34 में से 33 जज कार्यरत हैं, जिनमें से 4 को अब तक सरकारी आवास नहीं मिला है।
Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon, ताकि उन जजों को आवास मिल सके जो अभी ट्रांजिट अपार्टमेंट या स्टेट गेस्ट हाउस में रह रहे हैं।
✉️ कब लिखा गया था यह पत्र?
1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि 5, कृष्ण मेनन मार्ग वाला बंगला खाली कराया जाए। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि 31 मई 2025 को चंद्रचूड़ को आवास रखने की अनुमति समाप्त हो चुकी है।
🗣️ Former CJI Chandrachud का जवाब
Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon विषय पर उन्होंने कहा कि बंगला खाली करने में देरी निजी कारणों से हुई।
उन्होंने कहा:
“मेरी बेटियों को विशेष सुविधाओं वाले घर की आवश्यकता है। मैंने सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी। सर्विस अपार्टमेंट और होटल उपयुक्त नहीं थे।”
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने 28 अप्रैल को तत्कालीन CJI संजीव खन्ना को पत्र लिखकर 30 जून तक की अनुमति मांगी थी, लेकिन जवाब नहीं मिला।
🔄 क्या मिला था अनुमति?
पूर्व CJI संजीव खन्ना ने चंद्रचूड़ को 11 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक बंगले में रहने की अनुमति दी थी, जिसकी मासिक लाइसेंस फीस ₹5430 थी। लेकिन उसके बाद 31 मई तक विस्तार की अवधि भी समाप्त हो चुकी है।
Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon इसलिए अब औपचारिक कार्रवाई की मांग की जा रही है।
🧾 क्यों नहीं मिला बंगला नए जजों को?
- 4 जजों को अभी तक स्थायी सरकारी आवास नहीं मिल पाया है
- 3 ट्रांजिट अपार्टमेंट में और 1 स्टेट गेस्ट हाउस में रह रहे हैं
- 5, कृष्ण मेनन मार्ग बंगला कोर्ट के पूल में शामिल नहीं हो पा रहा है
Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon ताकि यह समस्या सुलझ सके
⚖️ बंगला न मिलने का असर कोर्ट के प्रशासन पर
सरकारी बंगले की उपलब्धता न होने से जजों को रहने में असुविधा हो रही है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन चाहता है कि पुराने बंगले जल्द खाली हों ताकि नए जजों को रहने के लिए सही माहौल मिल सके।
🏁 निष्कर्ष: Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने उचित समय पर केंद्र सरकार को पत्र भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon। यह सिर्फ आवासीय समस्या नहीं बल्कि एक संस्थागत ज़िम्मेदारी है, जिससे देश की न्यायपालिका की प्रभावशीलता भी जुड़ी है।
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Former CJI Chandrachud should vacate the government bungalow soon: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर 5, कृष्ण मेनन मार्ग बंगला जल्द खाली कराने की मांग की। चार जजों को अभी तक सरकारी आवास नहीं मिला है।
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